त्रियुगीनारायण (triyuginarayan) सिद्ध पीठ
त्रियुगीनारायण जहाँ संपन्न हुआ शिव व् पार्वती का विवाह-
त्रियुगीनारायण मंदिर, मंदाकिनी एवं सोनगंगा नदियों के संगम, सोनप्रयाग से 13 किलोमीटर दूर 1,980 मीटर की ऊँचाई पर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के त्रियुगिनरायण गांव में स्थित है। इस मंदिर को अखण्ड धुनी मंदिर भी कहा जाता है।त्रियुगीनारायण मंदिर के बारे में वेदों में उल्लेख भी मिलता है कि यह मंदिर त्रेतायुग से स्थापित है.
लोगों में आस्था है कि यह मंदिर आदि शंकराचार्य द्वारा निर्मित किया गया। इस मंदिर की बनावट केदारनाथ मंदिर से मिलती -जुलती है। मान्यता है कि जब भगवान् शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था , उस समय यह ‘हिमवत’ की राजधानी हुआ करती थी। त्रियुगीनारायण मंदिर के बारे में एक अद्भुत तथ्य है कि यहाँ जिस हवन कुण्ड की अग्नि को साक्षी मानकर शिव-पार्वती का विवाह हुआ था वह अभी भी प्रज्ज्वलित है।
इस पवित्र स्थल के आस-पास रुद्र कुण्ड, विष्णु कुण्ड और ब्रह्म कुण्ड भी हैं। सरस्वती कुण्ड इन तीनों कुण्डों का मुख्य स्त्रोत है। कहते हैं कि इस कुण्ड का पानी भगवान् विष्णु की नाभि से निकला है। माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से संतानहीनता से मुक्ति मिल जाती है।।
लोगों में आस्था है कि यह मंदिर आदि शंकराचार्य द्वारा निर्मित किया गया। इस मंदिर की बनावट केदारनाथ मंदिर से मिलती -जुलती है। मान्यता है कि जब भगवान् शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था , उस समय यह ‘हिमवत’ की राजधानी हुआ करती थी। त्रियुगीनारायण मंदिर के बारे में एक अद्भुत तथ्य है कि यहाँ जिस हवन कुण्ड की अग्नि को साक्षी मानकर शिव-पार्वती का विवाह हुआ था वह अभी भी प्रज्ज्वलित है।
इस पवित्र स्थल के आस-पास रुद्र कुण्ड, विष्णु कुण्ड और ब्रह्म कुण्ड भी हैं। सरस्वती कुण्ड इन तीनों कुण्डों का मुख्य स्त्रोत है। कहते हैं कि इस कुण्ड का पानी भगवान् विष्णु की नाभि से निकला है। माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से संतानहीनता से मुक्ति मिल जाती है।।
It is nice to visit this page and know about Triyuginarayan Temple of Uttarakhand state.
ReplyDeleteI have also checked https://www.astrolika.com/temples/triyuginarayan-temple.html for detail of Triyuginarayan Temple and I find it useful too.